CBSE की नई परीक्षा योजना – आसान भाषा में समझिए
📘 CBSE की नई परीक्षा योजना – आसान भाषा में समझिए
1. नई योजना क्या है?
CBSE ने पढ़ाई और परीक्षा का तरीका बदला है। अब बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होगी। इसका मतलब है कि अगर पहली बार परीक्षा में नंबर कम आए, तो दूसरी बार भी परीक्षा दे सकते हैं और जो अच्छा नंबर होगा, वही मान्य होगा। इससे छात्रों का तनाव कम होगा।
2. नए बदलाव क्या हैं?
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दो बार बोर्ड परीक्षा: साल में फरवरी–मार्च और मई–जून में परीक्षा होगी।
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समझ पर सवाल: आधे सवाल ऐसे होंगे जिन्हें रटने की बजाय समझकर हल करना होगा।
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40% अंक प्रोजेक्ट और टेस्ट से: स्कूल में जो प्रोजेक्ट और टेस्ट होंगे, उनके अंक बोर्ड के कुल अंक का 40% होंगे।
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ओपन-बुक परीक्षा: कुछ विषयों में किताब खोलकर परीक्षा दी जा सकेगी।
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75% हाजिरी जरूरी: बोर्ड परीक्षा देने के लिए कम से कम 75% स्कूल हाजिरी जरूरी है।
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खेल और ओलंपियाड के लिए खास व्यवस्था: जो छात्र खेल या ओलंपियाड में हिस्सा लेते हैं, उन्हें अलग से परीक्षा देने का मौका मिलेगा।
3. कौन-सी परीक्षा देना जरूरी है? कौन-सी नहीं?
| परीक्षा | जरूरी है या नहीं? |
|---|---|
| Class 10 और Class 12 की बोर्ड परीक्षा | जरूरी – इन्हें देना ही होगा। |
| स्कूल के प्रोजेक्ट, टेस्ट और असाइनमेंट | जरूरी – क्योंकि ये 40% नंबर देते हैं। |
| प्रैक्टिकल या ऑनलाइन परीक्षा | जरूरी – जो विषयों में होती हैं। |
| ओपन-बुक परीक्षा | जरूरी – अगर विषय में लागू हो। |
| सुधार की परीक्षा (दूसरा मौका) | वैकल्पिक – अगर पहली बार नंबर कम आए तो दे सकते हैं। |
4. क्यों किए गए ये बदलाव?
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पढ़ाई को सिर्फ रटना नहीं, समझना ज़रूरी है।
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दो बार परीक्षा देने से छात्रों का तनाव कम होगा।
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पढ़ाई को आसान और उपयोगी बनाना।
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नई शिक्षा नीति के मुताबिक सिस्टम सुधारना।
5. छात्रों के लिए सुझाव
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रोज थोड़ा-थोड़ा पढ़ाई करें।
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प्रोजेक्ट और टेस्ट समय पर करें।
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पुराने पेपर और मॉक टेस्ट हल करें।
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अगर पहली बार अच्छे नंबर न आएं, तो दूसरी बार अच्छे से तैयारी करें।
6. निष्कर्ष
CBSE की नई योजना से पढ़ाई आसान और बेहतर होगी। इससे बच्चे ज्यादा आराम से और अच्छी तरह से तैयारी कर सकेंगे। पढ़ाई का मकसद सिर्फ नंबर लाना नहीं, बल्कि असली ज्ञान लेना है।
आप क्या सोचते हैं?
क्या आपको ये बदलाव पसंद आए? या आपको कुछ समझना है? नीचे कमेंट करके बताइए!
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